Hathras News: बिना जानकारी फसल में नहीं करें दवा का छिड़काव, हो सकती है फसल नष्ट।

Hathras News अगर आप किसान हैं और अपनी फसल में कीटनाशक या खरपतवार नाशक का छिड़काव करने से पहले पहले कृषि वैज्ञानिक से सलाह लें। रविवार को सहपऊ क्षेत्र में खरपतवारनाशक के गलत तरीके से छिड़काव से एक किसान की 12 बीघा आलू की फसल नष्ट हो चुकी है।

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Hathras News जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया है कि फसलों को कीटों, रोगों और खरपतवारों से सुरक्षा के लिए कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो कि जीवों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी हानिकारक होते हैं। इसलिए इनका प्रयोग सावधानी से किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंधाधुंध कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग वायु, जल व मृदा को प्रदूषित कर पारिस्थितिकीय तंत्र को भी भी प्रभावित करता है। प्रयोग किए हुए रसायन के खाली पैकिट को पानी से दूर जमीन में दबा दें।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि कीट/रोग की अच्छी तरह पहचान करने के बाद संस्तुत मात्रा में रसायन खरीदें। यदि पहचान संभव नहीं हो पा रही हो तो स्थानीय स्तर पर कृषि रक्षा इकाई पर तैनात कृषि/रोग विशेषज्ञ से पहचान करा लें। वर्गीकृत श्रेणी में सबसे कम विषाक्त रसायन प्रयोग करें। सरकारी गोदाम अथवा पंजीकृत लाइसेंसधारी कीटनाशक विक्रेताओं से ही खरीदें। खरीदने के बाद रसीद अवश्य लें। कन्टेनर/पैकिट पर अंकित बैच नंबर, उत्पादन और अवसान तिथि देख कर ही खरीदें।Hathras News

Hathras News भंडारण एवं रख रखाव के समय

रसायनों का भंडारण साफ-सुथरी, हवादार एवं सूखे स्थान पर बच्चों व जानवरों की पहुंच से दूर करें, साथ ही वह स्थान सीधी धूप एवं बारिश से सुरक्षित हो। रसायनों को खाने-पीने की वस्तुओं से दूर अलग स्थान पर रखें।कीटनाशी एवं खरपतवारनाशी रसायनों को अलग-अलग भंडारित करें। जैविक रसायनों को अलग-अलग कक्ष में रखें। वातावरण के संपर्क में आने पर विषाक्त गैस छोड़ने वाले रसायनों को सील बंद कंटेनर में ही ले सकते है।

रसायनों का घोल बनाने के लिए साफ पानी का उपयोग करें

  • रसायनों संस्तुत मात्रा में घोल बनाने के लिए हमेशा साफ पानी का प्रयोग करें। हाथों में दस्ताने, चेहरे पर मास्क, टोपी, पेंट, जूते आदि से पूरे शरीर को ढक कर रखें। प्रयोग से संबंधित निर्देशों को ठीक से पढ़ कर उसका पालन करें।Hathras News

छिड़काव करने से पूर्व उपकरणों को भली-भांति साफ करलें एवं जॉच लें। दोषपूर्ण उपकरणों का प्रयोग न करें। घोल को सावधानी पूर्वक मशीन में डालें और यह ध्यान रखें कि मुॅह, कान, नाक में न जाएं। स्प्रे पंप की बंद पाइप या नोजल को मुॅह से नही फूॅकें।

हवा के विपरीत दिशा में खड़े होकर छिड़काव या बुरकाव न करेें। प्रयोग के बाद खाली पैकिट को जमीन में दबा दें। छिड़काव किये हुए खेत में जानवरों आदि को प्रवेश न करने दें और नोटिस लगाकर आस-पास के लोगों को सूचित कर दें।

यह बरतें सावधानी

-सावधानियां बरतने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति विषाक्तता का शिकार हो जाता है तो रसायन निगलने की स्थिति में 15 ग्राम नमक को एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पिलाएं, इससे उल्टियॉ होकर रसायन पेट से बाहर आ जाएगा

-सांस के जरिये रसायन अन्दर जाने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को खुली हवा में बैठाकर शरीर के कपड़े ढीला कर दें। रसायन के शरीर के संपर्क में आने पर हाथ, पैर अच्छी तरह से साबुन से धो लें और ऑखों पर साफ पानी के छींटे मारें।

-प्राथमिक उपचार के बाद यदि व्यक्ति की हालत में सुधार न हो तो तत्काल चिकित्सिक के पास ले जाएं। अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी, हाथरस मोबाइल नंबर 9411610004 पर संपर्क करें।Hathras News

-गेहूं एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के एक साथ होने पर आइसोप्रोटयूराम के साथ 2-4-डी या भेटसल्फयूरान निधास्ट के साथ मिलाया जा सकता है। किनोकरसाप्राप और कलोडीनाकाप के साथ 2-4-डी या मेटेशएकपूरान मिफाइल को एक साथ नहीं मिलाया जा सकता है। जई गेहूं के मामा दोनों की समस्या हो, वहां कलोडीनाफान या फिनोकसाप्राप इयाइल का प्रयोग किया जा सकता है। रसायनों का छिड़काव 500-700 लीटर पानी की दर से पसैटमैन नोजल से करना चाहिए।डॉ. श्यौराज सिंह, वरिष्ठ, कृषि वैज्ञानिक।Hathras News

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