गेहूँ की फसल को बचाने के लिए ऐसे करें पहली सिंचाई
05/12/2023
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फर्रूखाबाद आदि जिलों के किसान आलू की फसल के बाद गेहूं की बुआई करते हैं।
आलू के बाद गेहूं की फसल के लिए एक बार कल्टीवेटर से सीधी व आड़ी जुताई कर बिजाई करनी चाहिए।
अथवा एक बार कल्टीवेटर से जुताई कर खेत तैयार करवाना चाहिए
हल्की भूमि होने के कारण अनेक बार जुताई की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
किसान मेलों अथबा कृषि विज्ञान केंद्रों पर पहले ही 300 क्विंटल बीजों की बिक्री हुई है।
लेकिन यदि भूमि कठोर हो तो रोटावेटर से एक जुताई करना बेहत अच्छा होता है।
जहां तक उर्वरकों के प्रयोग की बात है तो मृदा परीक्षण के अनुसार ही उर्वरक डालें।
यदि किसी कारणवश ऐसा संभव नहीं हो तो बुआई करते समय प्रति हेक्टेयर 50 किलो यूरिया,
90 किलो डीएपी अथवा 50 किलो प्रति हेक्टेयर म्यूरेट ऑफ पोटाश का उपयोग किया करें।
जिसके बाद पहली सिंचाई के बाद इतनी ही यूरिया उपयोग की जानी चाहिए।
जिंक की कमी वाले स्थान में प्रति हेक्टेयर 25 किलो जिंक सल्फेट का प्रयोग अंतिम जुताई के समय करें