गेहूँ फसल की सिचाई करते कभी न करे ये गलती, होगा भरी नुकसान

सिंचाई की संख्या हमेशा मिट्टी की किस्म, पानी की उपलब्धता आदि पर आधारित की जाती है। 

सहायक जड़ें और बालियां बनने के समय नमी की कमी नहीं होने दें।

 छोटे कद की अधिक उपज वाली नस्लों के लिए बिजाई से पहले सिंचाई करें। 

भारी मिट्टी के लिए 4 से 6 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है जबकि हल्की मिट्टी के लिए 6 से 8 सिंचाईयों की आवश्यकता होती है।

 पानी की पूर्ति कम होने पर सिंचाई सिर्फ गंभीर अवस्थाओं में ही करें।

 जब पानी सिर्फ एक सिंचाई के लिए उपलब्ध हो तो शुरूआती सहायक जड़ें बनने के समय करें।

 जब दो सिंचाइयां उपलब्ध हो तो सहायक जड़ें बनने के समय और फूल निकलने की अवस्था में सिंचाई करदे।

 शुरूआती सहायक जड़ें बनने की अवस्था सिंचाई के लिए बहुत आवश्यक अवस्था है।